महिलाओं में कैंसर के लक्षण
सामान्य रूप से महिला और पुरुष दोनों में कैंसर के लक्षण एक जैसे होते हैं परंतु महिलाओं में स्तन कैंसर और बच्चेदानी का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। इन दोनों कैंसर को शुरुआती दौर में पता कर लिया जाए तो इसका इलाज संभव होता है।
भारत में महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं होती हैं इसलिए जब वह अपने शरीर में अनियंत्रित बदलाव या किसी शारीरिक समस्या को शुरुआत में नजरअंदाज कर देती हैं जो कि कभी-कभी उनके लिए बड़ी समस्या बन जाता है । अगर शुरुआती दौर में कैंसर को पहचान लिया जाए और उसका इलाज किया जाए तो उसका इलाज मुमकिन है।
वैसे तो इंसान के शरीर में कैंसर किसी भी भाग में हो सकता है जोकि करोड़ों कोशिकाओं से मिलकर बना होता है और दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है इन कोशिकाओं की बढ़ने की गति बहुत ज्यादा होती है जिसके कारण कैंसर एक घातक बीमारी कही जाती है पर सही समय पर इलाज करवाने पर कैंसर का भी इलाज किया जा सकता है।
स्तन कैंसर क्या होता है – महिलाओं में कैंसर के लक्षण

जब महिलाओं के जीन मैं म्यूटेशन की वजह से स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लग जाती हैं आर्य अनियंत्रित कोशिकाएं अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करने लगती हैं कुछ मामलों में स्तन कैंसर की कोशिकाएं स्तन के दूसरे हिस्से की कोशिकाओं और ऊतकों को भी प्रभावित कर देती हैं।
सामान्य मामलों में दुग्ध नलिका में अनियंत्रित कोशिकाएं बढ़ती जाती हैं और इन को प्रभावित करती हैं फिर ट्यूमर का रूप धारण कर लेती हैं जो कि कभी-कभी कैंसर होता है और कुछ मामलों में यह सामान्य होता है जो कि कैंसर नहीं होता। जांच के बाद ही इसका पता लगाया जा सकता है।
महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण
सामान्य तौर पर महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावना बहुत अधिक होती है जिसका मुख्य कारण होता है शुरुआत में होने वाले बदलाव व समस्या को नजरअंदाज करना नीचे आपको कुछ लक्षण बताए गए हैं जो कि स्तन कैंसर होने पर महसूस किए जाते हैं ।महिलाओं में कैंसर के लक्षण
स्तन में गांठ बनना
महिलाओं के स्तन में गांठ पड़ना एक सामान्य बात है परंतु यह गांठ स्तन कैंसर का कारक भी बन सकती है सामान्य लक्षणों में स्तन के किसी हिस्से में गांठ बनना स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण भी होते हैं इसीलिए स्तन में होने वाली गांठ की जांच कराना जरूरी है और ऐसे मामले में डॉक्टर को दिखा कर उसकी सलाह लेना जरूरी है। क्योंकि यह महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं ।
आमतौर पर महिलाएं स्तन में गांठ पड़ने को नजरअंदाज कर देती हैं और डॉक्टर की सलाह नहीं लेती हैं ऐसे में कभी कभी यह गांठ कैंसर का रूप ले लेती हैं इसीलिए शुरुआत में ही डॉक्टर को दिखा देने से आप इस घातक बीमारी से बच सकते हैं।
पूरे स्तन में या स्तन के किसी हिस्से में सूजन आना

महिलाओं को ध्यान देने की जरूरत है उनके स्तन में कहीं सूजन या पूरे स्तन में सूजन तो गर्व महसूस नहीं कर रही हैं अगर ऐसा खुद से किए गए परीक्षण में महसूस होता है तब उनको तुरंत ही चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए वह अपने स्तन की जांच जरूर करवाना चाहिए। यह महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं ।
सामान्य तौर पर यह स्थिति किसी अन्य संक्रमण व गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी होती है परंतु स्तन के किसी हिस्से में जलन व सूजन असामान्य दिखने पर चिकित्सक की सलाह लेना अति आवश्यक होता है शुरुआती लक्षण में ही डॉक्टर को दिखा देना आपके लिए अच्छा रहेगा।
स्तन की त्वचा में असामान्य परिवर्तन होना
महिलाओं के स्तन में असामान्य परिवर्तन होने पर भी कैंसर होने की संभावना हो जाती है जैसे कि स्तन की त्वचा लाल हो जाए या उसने जलन महसूस हो, स्तन की त्वचा मोटी महसूस हो सामान्य से अधिक, महिला के स्तन उत्तक मैं डिपलिंग, या फिर सामान्य स्तन की बनावट से स्तन में बदलाव आना या फिर स्तन की त्वचा में बदलाव आना ऐसा होने पर चिकित्सक की सलाह लेना बहुत जरूरी है क्योंकि यह भी महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं ।
स्तन के निप्पल में बदलाव आना

सामान्य तौर पर महिलाएं निप्पल से आने वाले किसी असामान्य तरल पदार्थ को नजरअंदाज कर देती है या फिर निप्पल का अंदर की ओर दबना और निप्पल में दर्द होना को भी नजरअंदाज किया जाता है पर ऐसा करना आपके लिए एक घातक बीमारी को आमंत्रण देने के बराबर हो सकता है ऐसी किसी भी समस्या के होने पर आपको तुरंत महिला चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है। क्योंकि यह भी महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं ।
अंडर आर्म्स में सूजन व गांठ पढ़ना
महिलाओं के स्तन के ऊतक अंडर आर्म्स तक होते हैं इसीलिए अगर अंडर आर्म्स में किसी प्रकार की गाठ बनती है तो वह आपके स्तन से संबंधित भी हो सकती है आमतौर पर देखा जाता है कि स्तन के कैंसर हाथों के नीचे अंडर आर्म्स तक फैल जाते हैं इसीलिए ऐसी स्थिति में तुरंत आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए और उसका उपचार करवाना चाहिए । क्योंकि यह भी महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं ।
महिलाओं में स्तन कैंसर के कारण
महिलाओं में स्तन कैंसर के यह कारण भी हो सकते हैं।
- महिलाओं द्वारा लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण बन सकता है।
- परिवार में कैंसर का इतिहास यानी कि परिवार मैं माता या किसी अन्य महिला जो कि खून से संबंधित हो मैं स्तन कैंसर का होना एक जेनेटिक कारण बन सकता है।
- महिला द्वारा लंबे समय तक एस्ट्रोजन का सेवन करना।
- अत्यधिक शराब का सेवन करने से भी महिलाओं में स्तन कैंसर हो सकता है।
- जो महिलाएं कम काम करती हैं या शारीरिक निष्क्रियता जिन की जीवन शैली होती है उनमें भी स्तन कैंसर के लक्षण आसानी से आ जाते हैं।
- महिलाओं में शरीर का मोटापा स्तन कैंसर का एक मुख्य कारण होता है।
- महिलाओं द्वारा अपने शिशु को कम स्तनपान कराना भी स्तन कैंसर के कारक का मुख्य हिस्सा है।
- कुछ महिलाओं द्वारा पूर्ण रूप से नींद नहीं पूरी की जाती है जिसमें वह रात्रि में अधिक देर तक जगती हैं यह भी स्तन कैंसर का एक कारण हो सकता है।
- नियमित रूप से व्यायाम न करने से भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है इसलिए महिलाओं को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
- ऊपर दी गई किसी भी कारण को आप अगर अपनी जीवनशैली में अपनाते हैं तो तुरंत इसमें सुधार लाएं और अगर आपको किसी भी प्रकार कैंसर के लक्षण का संदेह होता है तो सर्वप्रथम डॉक्टर को दिखा कर उसकी सलाह लें क्योंकि कैंसर का इलाज शुरुआती दौर में बहुत ही आसानी से हो जाता है परंतु अगर यह बढ़ जाए तो फिर इसका इलाज बहुत मुश्किल है।
महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर क्या होता है
गर्भाशय का कैंसर जिसको बच्चेदानी का कैंसर भी कहा जाता है यह अधिकतर 60 साल की उम्र से अधिक महिलाओं को होता है यह कैंसर तब होता है जब महिलाओं की योनि में एंडोमेट्रियम की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लग जाती हैं तो इस कैंसर को एडो मैट्रियल कैंसर कहते हैं। एंडोमेट्रियल कैंसर सामान्य रूप से अधिकतर महिलाओं को हो जाता है। यह भी महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं ।
अगर शुरुआत में ही गर्भाशय के कैंसर या बच्चेदानी के कैंसर को पहचान लिया जाए तब इसका इलाज हो सकता है और बच्चेदानी का कैंसर बढ़ती उम्र के साथ होने की संभावना ज्यादा होती है जबकि महिलाओं में मासिक धर्म होना बंद हो जाता है ऐसे में अगर शुरुआती लक्षणों को देखते हुए इलाज कराया जाए तो इस कैंसर का इलाज संभवत किया जा सकता है।
महिलाओं में गर्भाशय कैंसर होने के कारण
जैसा कि आपको पहले भी बताया महिलाओं में कई तरह के कैंसर होते हैं जिनमें से एक गर्भाशय का कैंसर भी मुख्य रूप से महिलाओं में पाया जाता है यह लगभग 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में होने की संभावना अधिक होती है।
जबकि एंडोमेट्रियम की कोशिकाएं आज सामान्य रूप से किसी महिला के यूट्रस यानी गर्भाशय मैं बढ़ने लगती है और यह बढ़ने वाली कोशिकाएं अन्य सामान कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती हैं इस असामान्य रूप से एंडोमेट्रियम की कोशिकाओं का बढ़ना गर्भाशय का कैंसर कहलाता है गर्भाशय के अंदर की परत को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। यह भी महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं ।
महिलाओं में गर्भाशय कैंसर होने के लक्षण
गर्भाशय के कैंसर होने के कई प्रकार के लक्षण महिलाओं मे दिखाई देने लगते हैं जिसको कई बार उनके द्वारा नजरंदाज किया जाता है जो की आगे चल कर उनके लिए घटक परिणाम ला सकता है इसलिए अगर इनको सुरू मे ही ध्यान दे कर डॉक्टर की सलाह पर इलाज करवा लिया जाय तो सही रहेगा । कुछ लक्षण नीचे बताए गये हैं जो की अक्सर देखे जाते हैं ।
- अचानक वजन कम होना.
जब किसी महिला को गर्भाशय का कैंसर होता है तब अचानक से उस महिला का वजन कम होने लग जाता है मोनोपॉज के बाद महिलाओं में देखा गया है कि इसका खतरा काफी हद तक बढ़ा हुआ दिखाई देता है ऐसे में महिलाओं का वजन तेजी से गिर जाता है अगर ऐसे लक्षण आपको भी दिखाई दे रहे हैं आपके शरीर में तब आपको रिस्क नहीं लेना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी चिकित्सक को दिखाकर इसका इलाज करवाना चाहिए। क्योंकि यह महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं।
2. पीरियड्स के बाद भी ब्लीडिंग होना
कई बार ऐसा भी देखा गया कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग पीरियड्स के बाद भी होती रहती है या फिर कुछ लिक्विड योनि में से निकलता रहता है ऐसी स्थिति में इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं अगर ऐसे कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत ही चिकित्सक की सलाह लेकर इलाज करवाना चाहिए क्योंकि यह गांव में कैंसर के लक्षण हैं।
3. पेल्विक पेडू मैं दर्द होना
कई महिलाओं में देखा गया है कि गर्भाशय के कैंसर के दौरान पेल्विक पेरू मैं दर्द होता है और अनियमित ब्लडिंग होती रहती है और यह दर्द बहुत ही तेज होता है जो की असहनीय होता है ऐसे कोई लक्षण अगर आपको आपके शरीर में दिखाई देते हैं तब आपको डॉक्टर की सलाह लेकर अपना संपूर्ण इलाज कराना जरूरी है इसको नजरअंदाज करना आपकी बहुत बड़ी गलती हो सकती है।
4. बार बार पेशाब लगना
कुछ महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर के दौरान मुख्य रूप से लक्षण देखा गया है कि उनको बार-बार पेशाब लगती है और पेशाब करते समय दर्द और जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे लक्षण अगर किसी को अपने शरीर में नजर आते हैं तब महिला को तुरंत ही चिकित्सक की सलाह देते हैं उसका इलाज करवाना चाहिए।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हम ने महिलाओं को होने वाले कैंसर के बारे में आपको बताया है और साथ ही महिलाओं में कैंसर के लक्षण कैसे होते हैं उसके बारे में आपको बताएं इनमें से अगर कोई भी लक्षण आपके शरीर में दिखाई देता है तो आपको तुरंत ही चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। पोस्ट में दी गई जानकारी विशेषज्ञों द्वारा एकत्रित की गई है फिर भी अगर आपको किसी भी जानकारी में कोई कमी नजर आती है तब आप कमेंट करके हमें बता सकते हैं या आपका सुझाव हमें दे सकते हैं।
महिलाओं में कैंसर की कितनी स्टेज होती हैं ?
कैंसर की 4 स्टेज होती हैं जिसमे 4 थी स्टेज बोहोत ही जादा खतरनाक होती है अगर सुरुआती स्टेज मे ही इलाज चालू हो जाए तो खतरा काफी हद तक खतम हो जाता है ।
क्या कैंसर का इलाज किया जा सकता है ?
अगर सुरुआती लक्षण दिखाई देने पर ही डॉक्टर को दिखा दिया जाए तो 1 st स्टेज मे ही कैंसर को पकड़ लिया जाता है और सही इलाज के बाद यह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है ।
महिलाओं मे कैंसर कितने प्रकार के होते हैं ?
महिलाओं मे भी वह सभी कैंसर होने की संभावना होती है जो की पुरुषों मे होती है पर स्तन का कैंसर और गर्भाशय का कैंसर महिलाओं मे मुख्य रूप से पाया जाता है ।
कैंसर कितने दिन मे फैलता है ?
कैंसर के लक्षण सुरुआत से ही शरीर मे दिखाई देने लगते है पर जब सुरुआती लक्षणों को नजरंदाज किया जाता है तब ऐसे मे कैंसर की कोशिकाएं तेजी से फेलने लगती हैं और उनका दुष्परिणाम तेजी से शरीर मे दिखाई देने लगता है ।